Tulsi Kadha Benefits
Tulsi Kadha Benefitsतुलसी के फायदे: भारत में पाई जाने वाली पवित्र तुलसी को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी माना जाता है। यह न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। तुलसी का सेवन वात, पित्त और कफ के संतुलन में मदद करता है। तुलसी का काढ़ा एक पारंपरिक पेय है, जिसे तुलसी की पत्तियों को अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, और मुलेठी जैसे औषधीय मसालों के साथ उबालकर बनाया जाता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है और मौसमी संक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करता है।
तुलसी काढ़ा: सर्दी और संक्रमण से सुरक्षा
गुणों से भरपूर
बरसात के मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि इस दौरान गंदगी और कीटाणु तेजी से फैलते हैं। तुलसी का काढ़ा एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होता है, जो इनसे बचाव करता है। सर्दियों में, जब ठंड और कफ रोग आम हो जाते हैं, तुलसी का काढ़ा कफ को दूर करता है और शरीर को गर्म रखता है। यह इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में कार्य करता है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
तुलसी काढ़ा बनाने की विधि तुलसी काढ़ा बनाने का आसान तरीका
तुलसी काढ़ा बनाने के लिए एक गिलास पानी में 5-7 तुलसी की पत्तियां डालें। इसमें 1 इंच अदरक, 3-4 काली मिर्च और थोड़ी दालचीनी डालकर इसे उबालें जब तक पानी आधा न हो जाए। स्वाद के लिए ठंडा होने पर थोड़ा शहद मिलाया जा सकता है। इसे दिन में 1-2 बार पीना फायदेमंद होता है।
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद पाचन तंत्र के लिए लाभकारी
तुलसी का काढ़ा सर्दी-खांसी में राहत देता है, बलगम और कफ को निकालता है, और वायरल बुखार में भी मददगार है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और गैस, अपच, और पेट दर्द को कम करता है। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है और दिल व श्वसन तंत्र की सुरक्षा करता है।
डेंगू और मलेरिया में सहायक डेंगू, मलेरिया में मददगार
चरक संहिता में तुलसी को कृमिनाशक और कफनाशक बताया गया है, जबकि सुश्रुत संहिता में इसे श्वसन रोगों और विषहर औषधि के रूप में वर्णित किया गया है। तुलसी का पौधा दिन और रात ऑक्सीजन छोड़ता है, जो इसे अन्य पौधों से अलग बनाता है। आधुनिक शोधों से यह सिद्ध हुआ है कि तुलसी एच1एन1, डेंगू, मलेरिया और सामान्य सर्दी-जुकाम में लाभकारी है। इसके फाइटोकेमिकल्स कोशिकाओं के डीएनए को टूटने से बचाते हैं, जिससे इसे प्राकृतिक कैंसर रोधी भी कहा जाता है।
स्रोत
IANS इनपुट के साथ
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